Thursday, August 13, 2015

Failure


तुम्हारा मेरा न होना
मेरा तुम्हारा होना तुम्हे पता न होना

इतने टुकड़े
इतने सच
लब्ज़ ज्यादा
आंसू कम

सोचा न था...
बोलो के ये एक सपना था …

No comments:

Post a Comment